आचार्य सायण sentence in Hindi
pronunciation: [ aachaarey saayen ]
Sentences
Mobile
- इस पर आचार्य सायण, उवट और महीधर के संस्कृत भाष्य उपलब्ध हैं |
- आज का वेदार्थ परिशीली आलोचक आचार्य सायण का विशेष रूप से ऋणी है।
- आज का वेदार्थ परिशीली आलोचक आचार्य सायण का विशेष रूप से ऋणी है।
- आज का वेदार्थ परिशीली आलोचक आचार्य सायण का विशेष रूप से ऋणी है।
- आचार्य सायण से पूर्व के भाष्यकार अधिक गूढ़ भाष्य बना गए थे ।
- सायण या आचार्य सायण (चौदहवीं सदी, मृत्यु १३८७ इस्वी) वेदों के सर्वमान्य भाष्यकर्ता थे।
- आचार्य सायण ने कृष्ण यजुर्वेद की तैत्ति. सं. के उपोद्घात में स्वयमेव लिखा है-
- सायण या आचार्य सायण (चौदहवीं सदी, मृत्यु १ ३ ८ ७ इस्वी) वेदों के सर्वमान्य भाष्यकर्ता थे।
- सबसे पुराना भाष्य (यानि टीका, समीक्षा) किसने लिखा यह कहना मुश्किल है पर सबसे प्रसिद्ध उपलब्द्ध प्राचीन भाष्य आचार्य सायण का है ।
- इन्हीं विद्यारूय के भाई आचार्य सायण ने चारों वेदों का वह प्रतिष्ठित भाष्य या टीका की थी जिसे ‘सायणभाष्य ' के नाम से जाना जाता है।
- आचार्य सायण आदि यूँ तो विद्वान थे पर वाम मार्ग से प्रभावित होने के कारण वेदों में मांस भक्षण एवं पशु बलि का विधान दर्शा बैठे.
- आचार्य सायण आदि यूँ तो विद्वान थे पर वाम मार्ग से प्रभावित होने के कारण वेदों में मांस भक्षण एवं पशु बलि का विधान दर्शा बैठे.
- आचार्य सायण ने वेद के ज्ञानात्मक ऐश्वर्य को ध्यान में रखकर लक्षित किया कि-अभिलषित पदार्थ की प्राप्ति और अनिष्ट-परिहार के अलौकिक उपायको जो ग्रन्थ बोधित करता है, वह वेद है।
- राम के समकालीन इसी जनमेजय ने सरस्वती नदी के किनारे एक यज्ञ किया जिसे (ऐतरेय ब्राह्मण के भाष्यकार) आचार्य सायण के अनुसार भृगु आंगिरस वंश के ब्राह्मण सम्पन्न करवा रहे थे।
- आचार्य सायण माधव ने अपने प्रसिद्ध माघवीय धातुवृति के क्रयादिगण के 16वें सूत्र में बताया है “पराश्रणाति पापातीति पराशर: ” अर्थात जो दर्शन स्मरण करने मात्र से ही समस्त पाप-ताप को छिन्न-भिन्न कर देते हैं वे ही पराशर हैं।
- यहाँ यह ध्यातव्य है कि आचार्य लौगाक्षि भास्कर कर्मकाण्ड एवं ब्रह्मकाण्डगत सभी विधियों को अज्ञातार्थ ज्ञापन मानते हैं, किंतु आचार्य सायण ने सूक्ष्म दृष्टि अपनाते हुए कर्मकाण्डगत विधियों को ' अप्रवृत्तवर्तन-विधि ' कहा और ब्रह्मकाण्डगत विधियों को ' अज्ञातार्थ-ज्ञापन-विधि ' माना।
- क्या विद्या से वंचित नारियां पुरूषों को शिक्षा दे पाएंगी? आचार्य सायण ऋग्वेद भाष्य के उपोद्घात में लिखते हैं-स्त्री शूद्रस्यास्तु सत्यामपि ज्ञानपेक्षाया मुपनयना भ्रवेनाध्ययन साहित्याद वैदेअधिकार: प्रतिबद्घ: अर्थात स्त्री और शूद्र को ज्ञान की अपेक्षा होने पर भी उपनयन (यज्ञोपवीत) के अभाव में इनका वेदाध्ययन का अधिकार नही है।
- वेदऔर विज्ञान ‘ लेख में पदमश्री डा. कपिल देव दिव्वेदी ने वैदिक साहित्य के सही टीकाकारों में इन विद्वानों का उल्लेख किया है-महर्षि दयानंद, आचार्य सायण, आचार्य वेंकट माधव, श्रीपाद दामोदर सावलेकर, आचार्य नरेंद्र देव शास्त्री, वेद तीर्थ डा. हरिदत्त शास्त्री, डा. मंगल देव शास्त्री, डा. वासुदेव शरण अग्रवाल, डा.
Neighbors
- "आचार्य शांतिसागर" sentence, "आचार्य शौद्धोदनि" sentence, "आचार्य श्याम सुन्दर 'सुमन'" sentence, "आचार्य श्री तुलसी" sentence, "आचार्य समन्तभद्र" sentence, "आचार्य हज़ारी प्रसाद द्विवेदी" sentence, "आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी" sentence, "आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी" sentence, "आचार्य हरिभद्र" sentence,
aachaarey saayen sentences in Hindi. What are the example sentences for आचार्य सायण? आचार्य सायण English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.